दोनिनि ने पाया कि मैनॉपॉज़ हासिल कर चुकी महिलाओं के पेशाब में इन हार्मोन्स की मात्रा सबसे ज़्यादा होती है.
इस शोध पर करीब एक दशक तक किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन विएना में जन्मे वैज्ञानिक ब्रूनो लुनेनफ़ेल्ड ने इस बारे में पढ़ा तो सेरोनो कंपनी के अधिकारियों से क्लिनिकल परीक्षण के लिए दवा तैयार करने को कहा.
लेकिन समस्या ये थी कि मैनपॉज़ पार कर चुकी महिलाओं का हज़ारों गैलन पेशाब कहां से लाया जाए.
उन्होंने इसराइली अख़बार हैरेत्ज़ को बताया कि जब उन्होंने ऐसी 400 महिलाओं को ढूंढ़ने में मदद मांगी जो हर रोज़ पेशाब इकट्ठा करके दे सकें तो कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि ‘हम दवा की कंपनी हैं पेशाब की नहीं.’