बैंक ऑफ बड़ौदा में अकाउंट है तो आपको झटका दे सकती है ये खबर

फंसे कर्ज के लिए प्रावधान में भारी बढ़ोतरी के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ  बड़ौदा का शुद्ध लाभ जून में समाप्त तिमाही में 59.7 फीसदी की गिरावट के साथ 424 करोड़ रुपए रह गया। पिछले साल की समान अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ 1052 करोड़ रुपए रहा था। वित्त वर्ष 2016 की चौथी तिमाही में बैंक ने 3230 करोड़ रुपए व वित्त वर्ष 2016 की तीसरी तिमाही में 3342 करोड़ रुपए का शुद्ध नुकसान दर्ज किया था।

पहली तिमाही में मुनाफा दर्ज करने के बाद भी शेयर बाजार फंसे कर्ज को लेकर नाखुश नजर आया। बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी पीएस जयकुमार ने कहा, बाजार ने एनपीए यानी फंसे कर्ज पर ध्यान केंद्रित किया। बैंक राजस्व अर्जित करने की राह पर है। इसकी शुद्ध ब्याज आय घटकर 3372 करोड़ रुपए रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 3460 करोड़ रुपए रही थी।

इसका शुद्ध ब्याज मार्जिन पहली तिमाही में 2.80 फीसदी रहा। बैंक को उम्मीद है कि उसका शुद्ध ब्याज मार्जिन मार्च 2017 में सुधरकर 3 फीसदी पर पहुंच जाएगा। संपत्ति की गुणवत्ता पर दबाव बना रहा। इस दौरान अच्छा खासा कर्ज एनपीए में शामिल हुआ। इसका सकल एनपीए 42991 करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले 17273 करोड़ रुपए रहा था। इसका प्रावधान तीन गुना बढ़कर 1986 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो पहले 568 करोड़ रुपए रहा था।