उदयपुर। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संसथान उदयपुर ने अभी हाल ही में विमोचित हिमांशु पब्लिकेशन उदयपुर की पुस्तक “मेवाड़ का प्राम्भिक इतिहास” पुस्तक पर अविलम्भ प्रतिबन्ध लगने की मांग की हे। संसथान के केंद्रीय अधक्ष्य बालूसिंह कानावत, जिला अधक्ष्य खेम सिंह राणावत, जिला प्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह ताणा, क्षत्रिय युवा मोर्चा प्रदेश अधक्ष्य जालम सिंह दॉतडा आदि ने आज बैठक कर इस पुस्तक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की हैै।
संस्थान प्रवक्ता भवानी प्रताप सिंह ताणा ने जारी विज्ञप्ति में कहा है की विश्व की महानतम त्यागी व बलिदानी पन्ना धाय को जिस प्रकार के अपमानित करते हुए यह लिखा है कि पन्ना धाय ने उदय सिंह को मरवाकर अपने पुत्र को उदय सिंह घोषित कर दिया यह न केवल पन्ना धाय वरन सम्पूर्ण मेवाड़ व सिसोदिया वंश का अपमान हैै।
अभिवक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर मन गडंत किद्वंतियो के आधार पर तथ्य हीन इतिहास पेश कर न केवल उस महान आत्मा व बलिदान का अपमान हे वरन हम क्षत्रियोंं के लहू के लिखे गए इतिहास व प्रातः स्मरणीय महाराणा प्रताप व महाराणा उदय सिंह जी का भी अपमान हैै। मेवाड़ व सम्पूर्ण भारत वर्ष की जनता को ऐसे विकृत मानसिकता वाले लेखकों को मुंह तोड़ जवाब देना चाहिए।
मेवाड़ क्षत्रिय महासभा संसथान ने उक्त पुस्तक पर प्रतिबन्ध लगने की मांग करते हुए अग्रिम कार्यवाही हेतु कल दिनांक 19 जुलाई 2016 को प्रातः 11 बजे संसथान कार्यालय मीरा मेदपाथ भवन, सुखेर भुवाणा बाइपास पर समाज की आवशक बैठक बुलाई हे जिसमे पुस्तक पर प्रतिबन्ध हेतु आंदोलन की रूप रेखा तय की जायेगी।