ता भवन में स्थापित नर्मदेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग की स्थापना 55 वर्ष पहले हुई थी। इस ज्योतिर्लिंग की खासियत ये है कि इस ज्योतिर्लिंग पर प्राकृतिक रूप से ही ऊं का स्वरूप उकेरित है।
गीताभवन में दीवारों पर गीता के सभी 18 अध्याय लिखे गए हैं। यहां सावन माह में हर सोमवार शाम 7 से 9 बजे तक रुद्राभिषेक होता है। इसमें सामूहिक जोड़े बैठाए जाते हैं। इसके अलावा नित्यकर्म में आए दिन भोलेनाथ की पूजा होती है। पुजारी जोशी ने बताया कि इस शिवलिंग की खास बात ये भी है कि इस ज्योतिर्लिंग पर अंगूठी स्पर्श कराने पर विशेष ध्वनि निकलती है।
पापों से मिलता है छुटकारा
पुजारी जोशी का कहना है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शनमात्र से ही पापों से छुटकारा मिलता है। क्योंकि इस पर ऊं अंकित है। मंदिर में हरिबोल मंडली हर बुधवार को आकर पूजा करती है। इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, शिवरात्रि, हनुमान जयंती और रामनवमी पर्व विशेष रूप से मनाए जाते हैं।